एक दसवीं फेल Beutician को दुल्हन के मेकअप के 15 हजार खुश होकर देंगे,
पर पढ़ी लिखी Gynecologist को डिलीवरी के 10हजार देते हुए तकलीफ होती है।
मोबाइल फ़ोन 20 हजार से कम नही होना चाहिए पर अपेंडिक्स का आपरेशन दस हज़ार में ही चाहिए।
बकवास मूवीज के लिए परिवार 1000 रुपये खर्च कर देगा लेकिन सोनोग्राफी सस्ती चाहिए।
500 रुपये का पिज़्ज़ा खुश हो कर खरीदेंगे,1000 रुपये की शराब की बोतल लाइन में लग कर खरीदेंगे पर डॉक्टर की फीस के 200 -300 में जान निकलती है।
गाड़ी के insurance के 25 हज़ार हंसते -हंसते दे देंगे लेकिन मेडिकल insurance के पैसे सरकार से चाहिए।
जिन कोचिंग सेंटर्स की सक्सेस रेट 10 प्रतिशत भी नही होती उन कोचिंग सेंटर्स को लाख दो लाख बेझिझक दे देंगे।सिलेक्शन नही हुआ तो कोई सवाल नही पूछेंगे। लेकिन एंजियोप्लास्टी में स्टेंट सस्ता चाहिए,मरीज़ को कुछ हो जाये तो मुआवजा चाहिए।
भगदड़ में कुचलकर कीड़े की तरह मरने पर सरकार से 5 लाख का मुआवजा काफी लगता है पर अस्पताल में कोई अनहोनी हो तो 50 लाख चाहिए।
भृष्ट नेताओं ,अफसरों के सामने आवाज़ नही निकलती लेकिन मेहनती डॉक्टर्स को फेसबुक लाइव वीडियो बनाकर डराते हो।
समझ जाओ हिंदुस्तानियों,तुम डॉक्टर्स को जितना सताओगे,खुद उस से अधिक कष्ट उठाओगे।
जिस देश मे दुनिया का सबसे सस्ता इलाज उपलब्ध हो और फिर भी देशवासी असंतुष्ट हैं तो सोचने की आवश्यकता तुम्हे है प्यारे देशवासियो हम डॉक्टर्स को नही।
जो मिल रहा है उसकी कद्र करो वरना ब्रिज कोर्स वाले आते ही होंगे।
-डॉ राज शेखर यादव
M.D.(Med)
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