राष्ट्रों की सीमाएं टूट गईं। युद्ध के नगाड़े थम गये, आतंकी बंदूकें खामोश हैं; अमीर-गरीब का भेद मिट गया। आलिंगन, चुम्बन का स्थान; *मर्यादित आचरण* ने ले लिया। क्लब, स्टेडियम, पब, मॉल, होटल, बाज़ार के ऊपर *अस्पताल* की महत्ता स्थापित हो गई। *अर्थशास्त्र* के ऊपर *चिकित्साशास्त्र* स्थापित हो गया। एक सुई, एक थर्मामीटर; गन, मिसाइल टैंक से अधिक महत्वपूर्ण हो गया। मंदिर बंद, चर्च बंद ,दरगाह, मस्जिद बंद! हृदय में विराजमान प्रभु को पूजा जा रहा है। *धर्म* पर *अध्यात्म* स्थापित हो गया। भीड़ में खोया आदमी, परिवार में लौट आया।
सिर्फ एक वायरस...
हाँ, *प्रकृति* ने मनुष्य की प्रवृत्ति* पर विजय प्राप्त कर ली है।
ईश्वर तेरी महिमा अपरंपार ।
🙏
[3/25, 13:16] Jayesh Mehta Uro: when our country is passing through the unwonted period of the last century, all countries are on the edge, and uncertainty of next day life is prevailing everywhere in the epidemia corona status all over world.
At this occasion ,why such shenanigans are performed? here there are few questions by a stauch hindu?
1)why couldn't be prevented by our hindu religious foundations ?
2) why couldn't the UP guv. restraint them ?
3)why our PM ,the most powerful person,who can lock whole the country for 3 weeks , couldn't intervene?
we are torchbearer for right messages to whole the world, don't you think such happening causes some embarrassment?
ગુરુવાર, 26 માર્ચ, 2020
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