શુક્રવાર, 10 જાન્યુઆરી, 2020

Home makers

*"ये गृहणियाँ भी थोड़ी पागल सी होती हैं"*
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*सलीके से आकार दे कर*
*रोटियों को गोल बनाती हैं*
*अौर अपने शरीर को ही*
*आकार देना भूल जाती हैं*
*ये गृहणियाँ भी*
*थोड़ी पागल सी होती हैं।*

*ढेरों वक्त़ लगा कर घर का*
*हर कोना कोना चमकाती हैं*
*उलझी बिखरी ज़ुल्फ़ों को*
*ज़रा सा वक्त़ नही दे पाती हैं*
*ये गृहणियाँ भी*
*थोड़ी पागल सी होती हैं।।*

*किसी के बीमार होते ही*
*सारा घर सिर पर उठाती हैं*
*कर अनदेखा अपने दर्द*
*सब तकलीफ़ें टाल जाती हैं*
*ये गृहणियाँ भी*
*थोड़ी पागल सी होती हैं।।*

*खून पसीना एक कर*
*सबके सपनों को सजाती हैं*
*अपनी अधूरी ख्वाहिशें सभी*
*दिल में दफ़न कर जाती हैं*
*ये गृहणियाँ भी*
*थोड़ी पागल सी होती हैं।।*

*सबकी बलाएँ लेती हैं*
*सबकी नज़र उतारती हैं*
*ज़रा सी ऊँच नीच हो तो*
*नज़रों से उतर ये जाती हैं*
*ये गृहणियाँ भी*
*थोड़ी पागल सी होती हैं।।*

*एक बंधन में बँध कर*
*कई रिश्तें साथ ले चलती हैं*
*कितनी भी आए मुश्किलें*
*प्यार से सबको रखती हैं*
*ये गृहणियाँ भी*
*थोड़ी पागल सी होती हैं।।*

*मायके से सासरे तक*
*हर जिम्मेदारी निभाती है*
*कल की भोली गुड़िया रानी*
*आज समझदार हो जाती हैं*
*ये गृहणियाँ भी.....*
*वक्त़ के साथ ढल जाती हैं।।*
😊😊 ** 😊😊*Dedicate 2 lovly ladies👰🏻👰🏻👩‍🦰👩‍🦰👸👸👩‍❤‍👨🤰🏻🤱🏻👨‍👩‍👦👨‍👩‍👧‍👦🧖🏼‍♂👩‍🦯🙋🏻‍♀🧚🏻‍♂

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