!!! डॉक्टरों के लिए जरूरी प्रवचन !!
आजकल चिकित्सकों के बारे में पढ़ने में आ रहा है ..
psychological disorders ,
सुसाइड्स
टेंसन
Stress ,
B.P. ,
M.I. ,
Stroke आदि ..
इसकी मुख्य वजह –
" ये दिल मांगे मोर है "
इसलिए
छोड़ें। ये सब
आप
अपने आप में व्यस्त रहें ,
मस्त रहें !
देश विदेश घूमने जाएँ !
साल में दो बार ..
क्लिनिक / अस्पताल / नौकरी को ,
एक-एक हफ्ते के लिए अवश्य बंद करे।
काम चलाऊ भर का राजनीति में भी दखल रखें !
कभी कोई अच्छा अफसर टकराए ..
तो उनसे दोस्ती कर लें !
बैलेंस सीट भारी रखें ,
इनकम टैक्स ज्यादा से ज्यादा दें !
ज्यादा HEROIC EFFORTS के चक्कर में न पड़ें ,
भगवान का अवतार कतई न बनें ,
लेकिन ,
अपने पेशे के प्रति घनघोर ईमानदार रहें !
अपने साथी चिकित्सकों के प्रति ..
ईर्ष्या व घृणा न रखें !
अपने दोस्तों व साथियों की ..
आमदनी के बारे में कभी भी ,
अपने आप से भी चर्चा न करें !
कितनी भी मेहनत करें ..
तो भी आप ..
अपनी आज की ORBIT को CHANGE नहीं कर सकते ..
अपने सेट अप की लिमिट से ज्यादा नहीं कमा सकते ,
इस उम्र में ..
जो आप की आज की आमदनी है !
वो भी सारी जरूरतों व शौक को ,
मजे में पूरा करने से कुछ ज्यादा ही है !
किन्तु कैरियर की शुरुआत में ,
जो मेहनत हो गई वो काफी है!
उसी को मेन्टेन करने में ही ..
आपके पसीने छूट जायेंगें !
अपने पुराने मस्त दिनों को भी याद किया करें ,
हमेशा ध्यान रखें कि ..
कौन पेशेंट आपकी सामर्थ्य का है ,
और ,
कौन सा मरीज आपको बाहर भेजना है !
अपनी खुद की व अपने परिवार की ,
मानसिक व शारीरिक सेहत के लिए सजग रहें !
रेगुलर थोड़ा सा व्यायाम अवश्य करें !
अपनी बैलेंस सीट के साथ तालमेल बनाकर ..
एक लक्जरी कार अवश्य लें ,
उसको लेकर कभी कभी ..
बिला वजह घूमने जाएँ !
याद रखें कि ...
यदि आप स्वस्थ हैं व ज़िंदा हैं ,
तभी पैसे का उपयोग / उपभोग है ,
तभी क्लिनिक है -अस्पताल है !
तभी मरीज हैं ! तभी सेवा है !
एवं ....
आप मरीजों से भी कहीं ज्यादा ..
अपने परिवार के लिए जरूरी हैं !
एक बार अवश्य सोचना
कि ,
इतनी मेहनत इस उम्र में ..
“ जरूरत है – जरूरी है – सनक है या मजबूरी है ”
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